Rajya Sabha

March 28, 2025

Rajya Sabha MP Prakash Chik Baraik’s speech on The Protection of Interests in Aircraft Objects Bill, 2025

Rajya Sabha MP Prakash Chik Baraik’s speech on The Protection of Interests in Aircraft Objects Bill, 2025

उपसभाध्यक्ष महोदया, आपका बहुत- बहुत धन्यवाद। मैं आज the Protection of Interests in Aircraft Objects Bill, 2025 पर अपनी बात रखने के लिए अपनी पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से खड़ा हुआ हूं। मैडम, मैं ‘वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक 2025’ की कमियों को उजागर करना चाहता हूं। इस विधेयक को लाने में बहुत देरी हुई है, इसकी अधूरी रूपरेखा एक गंभीर चिंता पैदा करती है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस कानून को लाने में इतना समय क्यों लगा। यह सच है कि एयरलाइंस लीजर्स, निवेशक एवं यात्रियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। वर्षों से विदेशी लीजर्स, फाइनेंसर्स को भारत की कानूनी अधिसूचना का भी सामना करना पड़ा है। 2023 में एयरलाइंस के दिवालियापन मामले ने इस समस्या को उजागर किया। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिवालया एवं दिवालियापन के सहित आईबीसी के तहत रोक लगाई, जिसमें 50 से अधिक लीजर्स कंपनी अपने विमान को वापस लेने में असमर्थ रहीं। इससे निवेशक का विश्वास हिल गया है, जिससे भारत विमान लीजर्स के लिए उच्च जोखिम वाला बाजार बन गया है। इसके फलस्वरूप भारतीय एयरलाइंस को अपने विदेशी समकक्षों की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत से अधिक लीजिंग शुल्क देना पड़ा। सरकार के पास इस समस्या को हल करने के लिए वर्षों का समय था, लेकिन सरकार ने विधेयक को आईबीसी के अनुरूप नहीं रखा। अन्य देशों ने केपटाउन कन्वेंशन अपनाकर विमान पूर्ण प्राप्ति की प्रक्रिया तेज कर दी, लेकिन भारत में ऐसा कोई तत्काल प्रावधान मौजद नहीं है। मैडम, इस बिल की चर्चा के लिए आज फ्राइडे के दिन हम लोग सरकार के साथ पूरे सहयोग से खड़े हैं। मैडम, बस हम यही चाहते हैं कि सरकार भी हम लोगों की सहायता करे और EPIC वोटर कार्ड के मुद्दे पर जल्द से जल्द सदन में चर्चा हो। इस विधेयक को जिस तरह से पेश किया गया है, यह चिंता का विषय है। 17वीं लोक सभा में केवल 10 में से एक विधेयक को गहन समीक्षा के लिए भेजा गया और एक तिहाई को 60 मिनट से भी पहले पारित किया गया, यानी उनमें किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई। इस विधेयक को संविधान स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जाना चाहिए, ताकि इसकी गहन समीक्षा हो सके। यदि सरकार वास्तविक तौर पर एविएशन सुधार पर गंभीर चिंता करती है, तो उसे उचित तौर पर समीक्षा की अनुमति देनी चाहिए। भारत का एविएशन सेक्टर गंभीर संकट से गुजर रहा है। साल 2024 में एयरलाइंस को 2,000 से लेकर 3,000 करोड़ का नुकसान हुआ। बढ़ते ईंधन मूल्य, कई बाधाएं, प्रबंधों की कमजोरियां एवं आपूर्ति श्रृंखला की रुकावट एयरलाइंस को वित्तीय संकट की ओर धकेल रहे हैं। इसका सबसे अधिक असर यात्रियों पर पड़ रहा है। खासकर पीक सीजन में हवाई किराया आसमान छू रहा है। हाल ही में महाकुम्भ में हवाई यात्रा का किराया दोगुना से तिगुना तक बढ़ गया था और एक-एक टिकट के लिए 50,000 से भी ज्यादा देना पड़ा था। फिर भी सरकार निगरानी करने का दावा करती है। टिकट की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए किसी भी प्रकार का नियम नहीं है। निजीकरण की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर यूडीएफ शुल्क 506 रुपये से बढ़कर 770 हो गया। इस पर भी सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया। सरकार हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के बजाय महंगा बना रही है। भारतीय एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर अपेक्षाकृत असुरक्षित है। 2023 में यात्रियों की संख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन एयरपोर्ट मैनेजमेंट बजट 12 प्रतिशत से घटकर 8.5 प्रतिशत हो गया। 2019 से 2024 के बीच में 11 बार एयरपोर्ट स्ट्रक्चर गिरने एवं 10 बार वर्षा से जल रिसाव की घटना सामने आई है। सरकार जब हवाई यात्रा के विस्तार के दावे कर रही है, तो ‘उड़ान योजना’ के अंतर्गत केवल आधे मार्ग क्यों हैं? तीन वर्षों के भीतर 114 मार्गों को बंद किया गया। देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों पर 164 विमान परिचालन बाधाओं के कारण जमीन पर खड़े हैं। यदि इनका उपयोग होता है, तो हवाई किराया कम होगा एवं कनेक्टिविटी बेहतर होगी। पायलट की सुरक्षा – पायलट की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। 2023 में दो भारतीय पायलटों की अत्यधिक कार्यभार एवं थकान के कारण मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के बावजूद कार्य समय पर करने के लिए कोई आवश्यक नए कदम एवं नियम नहीं बनाए गए। थकान संबंधित घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जब तक सख्त नियम लागू नहीं किए जाएंगे, तब तक पायलट एवं यात्री दोनों असुरक्षित रहेंगे। सरकार को किसी भी डिजास्टर से पहले आवश्यक कदम उठाना चाहिए। एविएशन केवल एयरलाइंस से नहीं, बल्कि सम्पर्क, रोजगार, पर्यटन, आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है। यदि इस समस्या का समाधान अभी नहीं किया गया, तो भारत एविएशन हब बनने का अवसर खो देगा। सरकार को बातें करने के बजाय ठोस कदम उठाने चाहिए। भारत को एक ऐसा एविएशन उद्योग चाहिए, जो सुरक्षित, किफायती एवं सुचारू हो और जिसमें प्रतिस्पर्धा हो। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि वेस्ट बंगाल के साथ भेदभाव नहीं कीजिए। Civil Aviation Minister यहाँ उपस्थित हैं। मैं केन्द्र सरकार के माननीय मंत्री से कहना चाहता हूँ कि जल्द से जल्द कोलकाता से लंदन की flight के माध्यम से direct connectivity कराइए और हवाई सेवा को शुरू कराइए। धन्यवाद।