July 22, 2024
Kirti Azad’s speech during the discussion under Rule193 on India’s preparedness for the Paris Olympic Games

धन्यवाद सभापम्त जी। खेल और म्खलािी की कोई जाम्त नहीं होती, न उसका कोई मजहब होता है। राजनीम्तक पाम्ि्याूँखेल को शायद उतना महत्व नहीं देती, म्जतना देना चाम्हए, लेम्कन मैंपम्िम बंगाल के अपनेमख्ुयमंत्री का सहृदय धन्यवाद करना चाह ंगा। कला, खेल, संगीत सम्हत सब क्षेत्रों सेआपको इस संसद के अंदर व्यम्ि म्मलेंगे, जो अपने क्षेत्र की आवाज को उठा सकतेहैं। मैंअपनी ओर सेअपनी मख्ुयमंत्री ममता बंदोपाध्याय जी का बहुत धन्यवाद करता ह ं म्क उन्होंनेसभी क्षेत्रों सेलोगों को पाम्ल्यामेंि मेंबलुाकर उनकी आवाज उठानेका अवसर म्दया। सभापम्त जी, चूंम्क खेल और म्खलािी की कोई जाम्त और मजहब नहीं होती है, इसम्लए राजनीम्तक लोग भी इसको ज्यादा गंभीरता सेनहीं लेतेहैं। संजय जयसवाल जी अभी हैंया चले गए?… (व्यवधान) वह चलेगए। वह बोल रहेथेम्क जब हम तैयारी की बात करगेंेतो म्वपक्ष को दद् होगा। मझुेमालूम नहीं म्क उनको या उनकीपािी को तब दद्हुआ था, जबहमारी मम्हला कुश्ती की बेम्ियों औरबहनों के साथ अत्याचारहुआ था औरवेत्राम्हमाम-त्राम्हमाम कर रही थीं। तबम्कसी की आवाज नहीं उठी थी। मझुेयाद ह, ै जब मैंछोिा था। मैंभी भारत के म्लए म्क्रकेि खेला ह ं। हमनेवर््1983 मेंम्वश्व कप जीता। हमारेसाथ यसुफु पठान बैठेहुए है, जो वर््2012 मेंम्वश्व कप भारत के म्लए जीते। फुिबॉल केहमारेकप्तान प्रसून्न बनजी सर बैठेहै। इनको पदमश्री भी म्मला हुआ है। मझुेभी याद है, जब मैंछोिा था और उस समय म्क्रकेि मेंपैसा नहीं था। हम लोग रेन के थड्क्लास बोगी मेंजाया करतेथे। सामान िॉयलेि मेंपिा हुआ होता था। इसी तरह सेहम लोग बैठेरहतेथेऔर खेलनेके म्लए जातेथे। स्कूल गेम फेडरशे न ऑफ इंम्डया तो शायद अपना ही है, म्करने ररम्जजूजी मंत्री रहे हुए हैं।वही एसजीएफआई हमेंलेजाया करती थी। सभापम्त महोदय, आज भी वही पररम्स्थम्त हमारेएथलीिटस की है, म्क्रकेि की तो नहीं, लेम्कन हमारेएथलीिटस कीहै। आज भीहमारेजो म्खलािीहैं, उनकी यहीहालत है। वेजनरल बोगी मेंजातेहैं, िॉयलेि के सामनेबैठतेहैंऔर िॉयलेि मेंउनका सामान होता है। जबवेखेलनेके जाते हैंतो उबि-खाबि मैदानों पर खेलतेहैं। उनको खानेके म्लए ढंग सेकुछ भी नहीं म्मलता है। वे डॉरमेरी मेंरहतेहैंऔर िॉयलेि के सामनेउनका खाना बनता है। यह मैंनहीं कहता ह ं, बम्ल्क यह िेलीम्वजन पर एक बार नहीं, अनेकों बार देखा गया है। हम बात करतेहैंम्क हमारी म्प्र पेयड्नेस क्या है! अगर आपको ओलंम्पक्स की तैयारी की बात करनी हैतो वर््2028 की तैयारी अभी करनी चाम्हए, न म्क जब आपकी िीम चलीगईहो। ओलंम्पक्स की तैयारी और खेल केबारेमेंलोग समझते हैंम्क खेल ऐसेही है। जब सेिेलीम्वजन पर यह खेल आना शरूु हुआ हैऔर 30 कैमरों सेम्क्रकेि को अलग-अलग एगं ल्स सेम्दखाया जाता है, लोग मझुेम्सखानेलगेहैंम्क म्क्रकेि कैसेखेला जाता है। उनको मालूम नहीं म्क जब थॉमसन 100 की स्पीड पर गेंद करता था, सनुील गवास्कर सामने होता था, जब सम्चन तेंदलु कर एक तरफ हो और ब्रेिटली दूसरी तरफ हो तो प्वाइंि 42 सके ेंडटस गेंद को म्नकलनेमें, बल्लेबाज तक पहुंचनेमेंऔर प्वाइंि 38 सेकेंडटस बल्लेबाज को तय करनेमेंम्क मैं फ्रं ि फूि पर जाऊं , बैक फूि पर जाऊं , हुक करूं , कि करूं , पलु करूं , क्या करूं , लेम्कन लोगहमको म्सखातेहैं। यानी यह बॉल छुट्टी और यहबैिसमैन केपास आई, बस यही समय है। इन दो चिुम्कयों के बीच का खेल है। उसको संभवत: लोग समझेंगेनहीं, बहुत आसानी सेलेतेहैंम्क यह हमारे प्रधानमंत्री जी नेम्कया। मझुेबिी खशुी हैम्क जब कुश्ती की हमारी मम्हला म्खलािी आई थी तो प्रधानमंत्री जी नेउनका स्वागत म्कया था, सपमान म्कया था।बहुत प्रसन्नता हुई थी, जबवह उनके साथ खा रहेथे। लेम्कन, तब दखु हुआ था, जब उन मम्हला म्खलाम्ियों के साथ अत्याचारहुआ था, तब उन्होंनेमौन व्रत धारण करकेरखा था। हम अपनी मम्हलाओंके म्लए बोलतेहैंम्क बेिी बचाओ – बेिी पढ़ाओ। हमारी बेम्ियाूँजो बाहर सेस्वण्और दूसरेपदक लेकर आती हैं, यह सदन के म्लए शम्कीबात हैम्क यम्द हम उनको अपनी तरफ सेसंरक्षण नहीं देसकतेहैंतो यहबिेखेद कीबात है। आज बात करतेहैंम्क हमनेनीरज चोपिा को भेजा। मैंयह जानना चाहता ह ं म्क जब तक नीरज चोपिा नेभल्ला फेंकने(जैवलीन) मेंस्वण्पदक नहीं जीता था, तब तक उसके म्लए सरकार नेक्या म्कया था। अम्भनव म्बंरा, म्जन्होंनेपहला स्वण्पदक शूम्िंग के अंदर जीता, उसके पहलेसरकार ने उनके म्लए क्या म्कया था या एसोम्सएशन फेडरशे न नेउनके म्लए क्या म्कया था? कण्म मल्लेश्वरी, म्जनका नाम िीम सेहिा म्दया गया था, मैंउस समय पहली बार सांसद बनकर वर््1999 में पाम्ल्यामेंि मेंआया था, यह वर््2002 की बात है, तब उनको म्नकाल म्दया गया था। जब वेवापस आई, ं तो उन्होंनेउस समय कांस्य पदक जीता। सभी को बिी प्रसन्नता हुई। म्कसी नेउनका नाम नहीं सनुा था, तब उनको खूब अलग-अलग उपहार म्मलेथे। मैंसरकार सेयह जानना चाहता ह ं म्क ओलम्पपक्स में, एम्शयन गेपस म, ेंवल्ड्चैम्पपयनम्शप मेंभेजनेसेपहलेआप उनके म्लए क्या करतेहैं? जीत के आनेकेबाद तो आप न जानेक्या-क्या चीजेंउनको देतेहैं, जो उन्हेंम्मलनी भी चाम्हए। मैंयह जानना चाहता ह ं म्क एक अच्छा म्खलािी, जैसेअम्भनव म्बंरा बनानेके म्लए, नीरज चोपिा बनानेके म्लए, पी.वी.म्संधुबनानेके म्लए, साइना नेहवाल बनानेके म्लए, साम्नया म्मजा्बनानेके म्लए सरकार नेक्या-क्या म्कया? सरकार को यह जवाब देना चाम्हए म्क कौन सी म्प्रपेयड्नेस है? आज एक बार कोई व्यम्ि, कोई लिका या लिकी, हमारेदेश की बेिी या बेिा अच्छा करके जब बाहर सेआता हैतो आप सब कुछ देनेके म्लए तैयार हो जातेहैं। लेम्कन, कैसेवह अच्छाबनकर आगेबढ़े, इसकेम्लए आप क्या करतेहैं? साई में, भारतीय खेल प्राम्धकरण मेंकहां हैंकोचेज़, कहां हैंप्रम्शक्षक? आपनेखेलो इंम्डया शरूु म्कया, यह बहुत प्रसन्नता कीबात है। जो भी आए, वहइसमेंखेल सकताहै। जो भी खेलनेआएगं े, उनमेंएकलव्य की प्रम्तभा की तलाश कौन करगे ा? क्या इसके म्लए कोई व्यवस्था है? इसकी व्यवस्था नहीं होती है। इसकी व्यवस्था इसम्लए नहीं होती, क्योंम्क वहां70 प्रम्तशत सेअम्धक जगह प्रम्शक्षकों की खाली पिी हुई हैं। मझुेयाद ह, ै मैंजब नेशनल इंस्िीिटयूि ऑफ स्पोिट्स मेंजाता था, एक नेशनल इंस्िीिटयूि ऑफ स्पोिट्स पम्ियाला था, जहांपर कोचेज़ तैयार म्कए जातेथे। इस नेशनल स्िेम्डयम के अंदर म्क्रकेि, हॉकी, फुिबाल, बॉस्केिबॉल, बैडम्मंडन, सभी खेल खेलेजातेथेऔर सभी के प्रम्शक्षक होतेथे।हम लोगों को प्रम्शक्षण म्मलता था।हम लोगवहां सीखतेथेऔर सीखनेकेबाद आगेखेलते थे। आज वह पररस्थम्त कहांहै? मैंअम्धक बातों को न कहतेहुए, अपनी बात जल्दी समाप्त करुंगा। अभी ररजीजूजी नेकहा म्क खेल संघ वालेहैं, वेआपस मेंचनुाव लितेहैं, तो उनकी आपस मेंलिाई तोहोगीही। आप यहां खाक मारनेके म्लए बैठेह, ैंस्पोिट्स म्मम्नस्री म्कसम्लए बैठी हुई है? यम्द आप उन लिाइयों को सधुार करकेजो प्रम्तभावान लोगह, ैंउनको आप आगेनहीं भेज सकते, तो म्फर आपका फायदा क्या है? ऐसी बातेंकहतेहुए आदमी को जरा सोच लेना चाम्हए। याद रम्खए, हर एक व्यम्ि मेंएक म्खलािी रहा है।बचपन सेजब बिेहुएहैंतो हमनेकोई न कोई खेल खेला ह, ै चाहेगल्ुली-डंडा खेला है, चाहेखो-खो खेला है, चाहेहॉकी खेला है, हमनेकोई न कोई खेल खेलाहै। … (व्यवधान)हम सभी केअंदर एक म्खलािी का म्दल होताहै। एक म्खलािी के म्दल मेंयह बात होती हैम्क वह खेल और खेल की भावना को साथ मेंरखता है। वह जाम्त और मजहब की बात नहीं करता है। येलोग बेिी बचानेवाली बात करगेंे, म्जन्होंनेसीता मांका आज तक कोई भी सपमान नहीं म्कया। जो कभी सीता-राम नहीं बोलते, वेबेिी का सपमान करगेंे। ऐसी अपेक्षा मैंइनसेनहीं रखता। मैंआशा करता ह ं म्क अगलेसत्र मेंवर््2028 मेंओलम्पपक् स मेंक्या करगेंे, उसकी तैयारी केबारेमेंयहांआकर बताएगं े, तब मैंसमझूंगा। हालांम्क येतब तक रहेंगेया नहीं रहेंगे, इनकी हालत दम्ुनया जानतीहै। साथ मेंललन जीबैठेहुएहैं, इन्होंनेम्डमांड कर दीहै। दकुान केबाहर नाम म्लखने की जो बात आ रही ह, ैइसके म्लए म्डमांड चालूकर दी हैम्क इसेहिाओ। मैंएक बार पनु: धन्यवाद देता ह ं म्क आपनेमझुेबोलनेका अवसर म्दय