March 24, 2022
Prasun Banerjee’s ZH on increasing ex-Olympians’ pension & restoring Arjuna awardees’ railway pass

चे यरमै न साहब, धन्यवाद। मैंदो िमनट मेंअपनी बात कह�ं गा। मैंआपके माध्यम सेस्पोट्र्स िमिनस्टर सेकुछ कहना चाहता ह�ं
। मैंस्पोट्र्समे न को �रप्रजें ट करता ह�ं , इसिलए मैंअपनेिलए नहीं, इं िडया के सभीस्पोट्र्समे न को सपोटर्करनेके िलएबोलूं
गा। उन लोगों को सपोटर् िमलता है।वेलोग गरीब हैं। सर, फस्टर्पॉइं ट यहहैिक जो िखलाड़ी ओलिम्पक गए थे, उन सबकोगवनर्में
ट सेपेंशन दे ते हैं। पेंशन इतनी कम थी िक एक हजार �पयेया दो हजार �पयेमेंखाना भी नहीं िमलता है। हमारी �रक्वे स्ट हैिक करीब बीस हजार �पयेदेदीिजए और ज�रत पड़ेतो एमपीज़ का पैसा लेकर दे दीिजए। उनको उन पैसेसेखाना भी नहीं िमलता है। ओलिम्पयंस लोग इतनी तकलीफ मेंहैं। ओलिम्पयन लोगों केपास खानेके िलए भी पैसा नहीं है। िमिनस्टर साहब आप कुछ क�िजए। सर, दू
सरी बात यह हैिक पूरेभारत मेंस्पोट्र्स मेंअजर्नु अवाडर्िमले। उन लोगों को ट्रेन का पास िमलता था। उनको हसबैं ड और वाइफ का पास िमलता था, वह बं द हो गया है। सभी परानु े प्ले यसर्बह�त गरीब हैं। हमारी आपसेिवनती हैिक आप हमारेिलए नहीं, उनके िलए ज�र कुछ क�िजए।