Lok Sabha

March 17, 2025

Lok Sabha MP Satabdi Roy’s speech on the Demands for Grants under the control of the Ministry of Railways for 2025-26

Lok Sabha MP Satabdi Roy’s speech on the Demands for Grants under the control of the Ministry of Railways for 2025-26

सर, रेल केबारेमेंबोलनेसेपहलेजो बात आती है, िह सेफ्टी एडं वसक्योररटी की आतीहै। सेफ्टीपरबोलनेसेपहलेसबकोपताहैवक लास्ट दो- तीन सालों सेरले िेका क्या हाल हैऔर वकतनेएक्सीडेंट्स हुए हैं। कंपेनसेंशन आप चाहेदो लाख देंया दो करोड़ रुपयेदें, लेवकन जो लोगएक्सीडेंट्स मेंमरतेहैं, िेकभीिापस नहीं आते हैं। कंपेनसेंशन कभी बेटेको िापस नहीं ला सकता। कंपेनसेशन कभी वपता को िापस नहीं ला सकता। कंपेनसेंशन कभी मााँका प्यारिापस नहीं ला सकताहै, इसवलए वजतनेभी एक्सीडेंट्स हो रहेहैं, िेक्यों हो रहेहैं, इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। सर लोकल ट्रेनों का हाल बहुत बुरा है। मैंएक बार वदल्ली रले िेस्टेशन पर गई थी। मैं सामनेदेख रही थी वक एक ट्रेन आ रही है। उस ट्रेन के थ्री वटयर मेंछ: लोगों की जगह होगी, लेवकन िहांपर कम सेकम 20 लोगबैठेथे।िहांपरबच्चेको वखड़की सेधक्का मारकर अंदर धकेला गया था। ऐसा नहीं था वक बच्चेको बैठाया गया था, क्योंवक बच्चेके जानेसेउसको सीट वमल जाएगी, उसकेबाद उसके मा-ाँबापपीछेसेजाएगं े। मैंनेिहांपरपूछा वक यह कौन सी ट्रेन हैतो पता चला वक वबहार जानेिाली ट्रेन है। मैंनेसोचा वक एक सेडेढ़ घंटेकी जनी होगी, लेवकन पता चला वक िेकल शाम तक वबहार पहुचेंगे। वजस ट्रेन मेंबच्चेऔर मााँको धक्का मारकर अंदर भेजनापड़ताहै, जहांछ: लोगों की जगहपर20 लोगबैठतेहैं, एक वदन और एक रात उसमेंचलतेहैं, िह जगह एक एक्सीडेंट सेभी खतरनाक जगह बन जाती है। इसेरेलिे वमवनस्टर को देखना चावहए। आप िेवटंग वलस्ट के बारेमेंबोलतेहैं। मझुेिेवटंग वलस्ट मेंपता नहीं चलता है। मान लीवजए ट्रेन मेंटोटल सीट्स 200 लोगों की हैतो 200 केबाद और 200 की िेवटंग वलस्ट दे रहेहैं। इसका मतलबहैवक अगर एक सीट कैंवसल होगी तो दूसरेव्यवि की वक्लयरहो जाएगी, उसमेंरले िेका कोई लॉस नहीं हो रहा है, विर भी आप कैंवसल करनेके वलए 20 रुपयेप्लस जीएसटी लेरहेहैं। लास्ट मूिमेंट पर कैंवसल करनेपर 60 रुपयेप्लस जीएसटी लेरहेहैं। क्या आपको पता हैवक आरटीआई ररपोटय के वहसाब सेिषय2019 से2023 तक कैंवसलेशन मेंरले िेकी इनकम 6113.31 करोड़ रुपयेकी हुई है। िेवटंग वलस्ट कैंवसलेशन में 1229.85 करोड़ रुपयेकी इनकम हुई है। इनकम केवलए यहवजसकाआइवडयाहै, िहरेल केवलएबहुत अच्छाहै, लेवकन पवब्लक के वलए क्या अच्छा ह? ै वजसको ट्रेन मेंलास्ट मूिमेंट तक वटकट नहीं वमलता ह, ैिह वटकट कैंवसल करिाता है। वटकट कैंवसलेशन मेंलोगों के ऊपर टॉचयर हो रहा है। 8 बजेरेलिेकी ऑनलाइन बवुकंग होती है, िह बहुत अच्छी व्यिस्था है। लेवकन ऑनलाइन वटकट के वलए आपको पता हैवक 60 डेज पहलेवटकट की बवुकंग शुरू होती है। अगर आप8 बजेऑनलाइन वटकट बकु करगेंेतो तीन वमनट मेंही सारी वटकट बकु हो जातीहैं। यह कैसेहोताहै? जब तक मैंऑनलाइन वटकट लेनेके वलए जातीह ं तब तक तीन वमनट मेंिह िुल हो जाती है। यह कैसे हो सकता ह? ै यह पवब्लक का हैरासमेंट, टाउट का हैरासमेंट एक जैसा ही रहा, लेवकन कुछ सॉल्यूशन मेंआया नहीं है। एमपीज़ की जो ररक्िैस्ट ह, ैहम लोग अपनी कॉन्द्स्टीट्यूएसं ी कीबार-बार ररक्िैस्ट करते हैं, रले की सबसेज्यादा ररक्िैस्ट एमपीज़ की तरि सेआती हैं, लेवकन बार-बार वचट्ठी या प्रपोजल देनेकेबाद भी उसका वसिय आंसर आताहै, कोई काम नहींहोताहै।हर प्रपोजल, हर वब्रज को बनानेमेंदस साल लगतेहैं, सात साल लगतेहैं, 15 साल लगतेहैं। अगर कोई भी प्रोजेक्ट को इतनेसाल तक बढ़ाएगं ेतो उसका बजट भी बढ़ जाता ह, ै उसकी कॉस्ट भी बढ़ जाती है। विर उसकी कॉस्ट ज्यादा होनेके कारण उसेबंद कर देतेहैं। जो भी प्रपोजल बने, आपपहलेिालेको वक्लयर करें, यह मेरी ररक्िैस्ट है। मेरी कॉन्द्स्टीट्यूएसं ी मेंरात 1 बजेकेबाद सबुह सात बजेतक िधयमान सेरामपरुहाट, नलहाटी, मुरारई, राजग्राम, पाकुड़ तक कोई ट्रेन नहींहै। यहांसेलोकल लोग जातेहैं।िेस्कूल के वलए जातेह, ैंटीचसयजातेह, ैंडॉक्टसयजातेहैं, कोई टाइम पर नहीं पहुंच सकता है। इसवलए मैंयह ररक्िैस्ट करना चाहती ह ं वक 6.30 बजेिधयमान-तीनपहाड़ ट्रेन शरूु की जाए।बुलेट ट्रेन या वकसी एक-दो ट्रेन के कारण िहां लोकल ट्रेन लेट हो रही हैऔर हर वदन लेट हो रही है। इसकेकारण स्टूडेंट्स लेट हो रहेहैं। रामपरुहाट स्टेशन मेंट्रेन कीबहुत जरूरत है, क्योंवक िहा पर तारापीठ मंवदर है, जहांपर बहुत लोग आतेहैं। ट्रेन का जो वसस्टम है, िह बहुत खराब है। आसनसोल मालदा टाउन एक्सप्रेस जो नई ट्रेन है, उसको चालूकरनेके वलए मैंररक्िैस्ट कर रही ह ं। जो एनरोचमेंट होता ह, ै एनरोचमेंट को हटानेके वलए रेल मंत्रालय बहुत साल लगा देता है। िहां जो लोकल लोग हैं, लोकल ऑविससयनेिहांएनरोचमेंट हटा भी वदया, उसका प्रपोजल बनानेमेंऔर भी दो साल लगा देतेहैंतब तक िेलोग िहां विर सेआ जातेहैं। विर बोलतेहैंवक एनरोचमेंट हटाओ और िेअचानक आकर एनरोचमेंट हटा देतेहैं। मेरेयहां रामपरुहाट, हररजन पल्ली मेंकसईपाड़ा डाक बंगलेमें100 सालों सेलोग रहतेहैं। िेलोग अचानक आकर रास्ता ब्लॉक कर रहेहैं।िहांपर जो लोग रहतेहैं, उनकेआने-जानेका रास्ता हैही नहीं। मेरी यहररक्िैस्ट हैवक अगररेल मंत्रालय को कुछ भी काम करनाहै, एक तो ररक्िैस्ट करनेके दस साल केबाद उसका आंसर आता ह, ै वमवनस्टर को होश आता हैवक दस साल बाद कुछ करना हैऔर उसकेबाद भी 10 साल लगा देतेहैं। हम लोग वजतनेएमपीज़ हैं, चाहे 15 साल सेहों या20 साल सेहों, नेक्स्ट जनरशे न को उसका िल वमलेगा। वमवनस्ट्री नेबोला था वक िषय2023 तक 100 परसेंट इलैवक्ट्रविकेशन का काम हो जाएगा। िषय2025 मेंअभी तक 40 परसेंट हुआ है। … (व्यिधान) मैंकनक्लूड कर रही ह ं। राजधानी ट्रेन मेंिस्टयक्लास मेंहॉकसयजा रहेहैं, जो सामान सेल कर रहेहैं। मैंनेपूछा वक क्या है? िह बोल रहा हैवक टारगेट वदया हैवक एक लाख रुपयेका सामान बेचना पड़ेगा।िह िस्टय क्लास मेंकॉिी बेच रहा ह, ै मोमो बेच रहा ह, ैवजससेवसक्योररटी िालों को भी प्रॉब्ल्म हो रही है। … ैंयहबात कहकर अपनीबात खत् म करूं गी। मझुेबहुत सारीबातेंकरनी थीं। मैंबुलेट ट्रेन औरिन्द्देभारत ट्रेन केबारेमेंबात करना चाहतीह ं वक यह वबरयानी जैसी है। वजस देश मेंलोग चािल, रोटी, दाल नहीं खा पातेहैं, उसके वलए वबरयानी बहुत बड़ी बात है। िन्द्देभारत ट्रेन बड़ेलोगों के वलए हैऔर बहुत अच्छी ट्रेन है। लेवकन वजसकेपास चािल, रोटी, भात, दाल खानेके वलए नहींहै, उनके वलए वबरयानी कोई मायनेनहीं रखती। इसवलए मैं बोलना चाहतीह ं वक बुलेट ट्रेन यािन्द्देभारत ट्रेन पर आपवजतनाध्यान देरहेहैं, उससेज्यादा ध्यान लोकल ट्रेन्द्स पर दीवजए, क्योंवक उसमेंन लाइट होतीहै, न बाथरूम होताहै। उसमेंकुछ नहीं होता है। मेरी यह ररक्िैस्ट हैवक िंदेभारत ट्रेन बड़ेलोगों के वलए है, अदानी, अंबानी के वलए है। लेवकन आप लोकल ट्रेन केबारेमें, सब लोगों केबारेमेंसोचें, वजसकेिोट सेआप लोग जीत कर आतेहैंऔर वजसकेिोट सेहम लोग जीत कर आतेहैं। थैंक यू।