December 15, 2022
Aparupa Poddar’s speech on The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Third Amendment) Bill, 2022

Hon. Chairman Sir, I thank you for giving me this opportunity to speak on the Constitution (Scheduled Tribes) Order (Third Amendment) Bill, 2022. I rise to speak on behalf of my Party, the All India Trinamool Congress. It is a welcome Bill. The Hattee community of Himachal Pradesh will be benefited by this amendment. देर आए, दरुुस्त आए – कािी सालों सेयह कबल पेंकडांग पड़ा हुआ था। कसरमौर कजलेकी हाटी कम्यूकनटी की यह बहुत परुानी माांग थी कक इन लोगों को एसटी कम्यूकनटीज मेंइनक्लूड ककया जाए। आज यह ककया जा रहा है। आज हम लोग कहमाचल प्रदेश केबारेमेंबोलने के कलए यहाां खड़ेहुए हैं। आज हम लोग देश की आज़ादी का 75वाांवष्सेलेब्रेट कर रहेहैं, लेककन जब अांग्ेजों कीबन्दूकों सेलड़नेका टाइम आया था, तबबांगाल केसांथाल आकदवासी लोग डरेनहीं, वेलोग डटकर खड़ेरहेऔर अांग्ेजों को भगानेके कलए अगर पहली बार ककसी नेतीर उिाया था तो वेहमारेबांगाल केसांथाल आकदवासी लोग थे।इसकलए आकदवाकसयों को कोई कभी कमजोर न समझे, कपछड़ी हुई जाकतयों को कोई कमजोर न समझे, क्योंकक हम लोग नेचर सेजड़ुेहुए हैं। मैंएक एससी पररवार सेआकर इस जगह पर खड़ी ह ां। मैंनेदेखा हैकक मेरेकपताजी नेककस तरह सेसांघष्करके हमारी दोनोंबहनों को इांकग्लश मीकडयम मेंपढ़ाया और हमारेपररवार मेंहम लोग सबसेपहलेइांकग्लश मीकडयम मेंपढ़े। यह गव्की बात है। मैंचाहती ह ां कक हमारेएससी, एसटी और कपछड़ी जाकतयों के लोग हमेशा एजुकेशन के िील्ड मेंहमेशा आगेबढ़-चढ़कर भाग लेंऔर इसके कलए हमेशा सरकार कोबढ़कर आगेआनापड़ेगा। आज कसरमौर कजलेमेंजो78 प्रकतशत कलटरसे ी रटे है।वष् 2011 की सेंसस ररपोट्के कहसाब सेकहमाचल प्रदेश में57 प्रकतशत िाइबल पापलुेशन हैऔर हाटी कम्यूकनटी के लोगों की सांख्या 1.6 लाख है। कहमाचल प्रदेश की हाटी कम्यूकनटी कजस िाांस कगरी रीजन को कबलागूँ करती ह, ै कजसके बगल सेकगरी नदी बहती है, यह बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहाां के जो जनजाकतय लोग हैं, जो पकब्लक वहाां रहती है, एग्ीकल्चर बेस्ड प्रोडक्टडस और एग्ीकल्चर उनकी मेन इकोनोमी है। यह भी सोचा जाए कक अगर हम इनको इनक्लूड कर रहेहैंतो हम ककस तरह से इनकी लाइवलीहुड को अपकलफ्ट कर सकतेहैं। आज हम देख रहेहैंकक देश मेंककसानों की क्या हालत है, इसकलए इस कहली एररया मेंलोगों कोहर तरह की सकुवधा कमल, े यह देखें। मैंइस इलाके में खदु एक बारगई थी, तब मैंनेदेखा कक यहाांरोडडस कीबहुत ज्यादा प्राब्लम हैऔर नदी केऊपर जो छोटे-छोटेकब्रजेज या कल्वटड्स ह, ैंउनकी अच्छी कसचएुशन नहींहै।इसकलएवहाांपर रोड कनेकक्टकवटी और कम्यूकनकेशन एक बहुत बड़ी प्राब्लम है, इसेदेखना चाकहए। कवदेशों सेकािीपय्टक यहाांआते हैं। इस रीजन मेंकई ररलीकजयस-कस्पररचअु ल सेंटस्हैंऔर कािी ररलीकजयस-कस्पररचअु ल येलोग सेकलब्रेट करतेहैं। वहाांबहुत अच्छी लेक है, रणे कुा लेक है, कशवाकलक िॉकसल पाक्स्है। इन चीजों पर सरकार ज्यादा ध्यान दे, ताकक टूररज्म बूस्ट-अपहो सके। हम लोग यहाांकी जनजाकत को जगह देरहेहैं, ताकक उन लोगों की भी इकोनॉकमक कसचएुशन बूस्ट अपहो सके।हमेंयह देखनापड़ेगा। जब भी आज हम इकण्डया केबारेमेंबात करतेहैंतोहमारे कदमाग मेंहमेशा िाइबल स्िाइक करता है, लेककन साथ-साथ यह भी स्िाइक करता हैकक िाइबल लोग ककतनी भखमरी ु और लैक ऑि एजकुेशन सेजूझ रहेहैं। इन सब चीजों के कलए गवन्मेंट को सोचना चाकहए। सर, गवन्मेंट ने750 एकलव्य रकेजडेंकशयल स्कूल्स बनाए हैं, कजनका इसकेपहलेमांत्री जी नेजवाब कदया है। क्या असल मेंयेस्कूल्स सेट अप हुए हैं? अगर हुए हैंतो वहाांपर िैकल्टी की प्रॉब्लम नहीं होनी चाकहए, क्योंकक स्टैंकडांग कमेटी की ररपोट् मेंयह पॉइांट आउट हुआ हैकक बहुत सारेएकलव्य स्कूल्स अभी तक िां क्शन नहीं कर रहेहैं, जैसेकबहार, मेघालय, जम्मूऔर कश्मीर आकद। हम लोग चाहतेहैंकक यहाां जो जनजाकत केबच्चेहैं, जो सही मेंमेन स्रोत मेंआना चाहतेह, ैं वेआए।ां मझु सेपहलेकाांग्ेस केस्पीकर सप्तकगरी जी नेबोला हैकक वह िस्ट्इांजीकनयर ग्ेजएुट हैं। यह गव्की बात है। लेककन, साथ ही साथ उन्होंनेअपना दखु भी जताया है। एकलव्य स्कूल्स, जो अभी तक कबहार, मेघालय, जम्मूऔर कश्मीर मेंिां क्शनल नहीं हुए हैं, यह बहुत जरूरी हैकक इस चीज़ पर ध्यान आकष्ण ककया जाए, ताकक इस कबल को कजस मांशा सेगवन्मेंट लेकर आईहै, उसके अनसुार यहाां केबच्चेभी अच्छेसेपढ़ सकें। वहाां दूर-दराज तक मेकडकल िैकसकलटी पहुांचे, येसब चीजेंदेखनी पड़ेंगी। हम लोगों नेदेखा हैकक ककस तरह िॉरस्े ट राइट एक्ट के तहत how 36,000 land titles had been distributed in 2019 and the BJP-ruled States like Bihar, Uttarakhand and Goa were the worst performers. जो भी हो, अभी कबहार नहीं है, लेककन उस टाइम में था। According to NITI Aayog, the allocation for the welfare of SCs and STs should be proportionate to their population. लेककन ईयर आफ्टरईयरहम लोग देख रहेहैंकक ककस तरह यह बजटरी एलोकेशन ररडडयूस हो रहा है। यह गैप देखा जा रहा हैकक 40 हजार करोड़ से9 हजार करोड़ for SCs/STs as per NITI Aayog report. यह मरेीबात नहींहै। जो सेंिल सकव्सेज मेंअनकिल्ड वैकेंसीज ह, ैंवेहर साल बढ़ती जा रही हैं। आप देकखए कक वैकेंसीज घटनेकेबजाय, वैकेंसीज बढ़ती जा रही हैं। अगर हम ककसी को मूल स्रोत मेंला रहेहैंतो साथ-साथ यह भी सोचना पड़ेगा कक हम उसको ककस तरह सवा्इव करनेके कलए रखें, क्योंकक हम लोगहमेशा अच्छेसेअच्छा चाहतेहैं। हमेंयह भी देखना पड़ेगा। According to the Government data relating to the backlog of SC/ST vacancies, there were 8,223 vacancies for SCs and 6,951 vacancies for STs in 2016. And it has been increased to 14,363 for SCs and 12,612 for STs in 2019. अब यह सोचनेवाला कवषय है। हम ककसी को भी किकटसाइज नहीं करतेहैं, लेककन जो मूल समस्या है, उसेहम लोगों को इस पाकल्यामेंट मेंउिाना चाकहए, चाहेहम इस साइड मेंरहेंया उस साइड में रहें, क्योंकक यह देश का मामला है।वैकेंसीज जल्द सेजल्द किल अप होनी चाकहए। The Government should approve the pending proposal for granting reservation to several other castes, the proposals for which have been sent by the States to the Ministry of Social Justice and Empower and the Ministry of Tribal Affairs. सर, एक अन्य बहुत महत्वपूण्मद्दुाहै। आज हमारेबांगाल मेंहमारी मख्ुय मांत्री नेकसदो-कान्ह – कबरसा यूकनवकस्टी स्थाकपत की ह, ै जहाांपर इस कम्यकुनटी की िस्ट् लेडी पोस्ट ग्ेजएुट रमकनता शबर हैं। यह यूकनवकस्टीहमारेपकिम बांगाल की मख्ुय मांत्री जी नेसेट अप की थी। इस यूकनवकस्टी में हम लोग स्पोटड्स कॉम्पलैक्स की कडमाण्ड कर रहेहैं, क्योंकक यह झारग्ाम-परुुकलया केइलाके मेंहै। आज हम लोग िीिा वल्ड्कप देख रहेहैं, लेककन हमारी अपनी टीम नहीं है। हमारेिाइबल बेस्ड लड़की-लड़केकेअांदर यहस्टैकमनाहैऔर यहपोटेंकशयल है।हम लोग क्योंइस चीज़ पर ध्यान नहीं देरहेह? ैं अगर हम यूकनवकस्टी के साथ-साथ स्पोटड्स का भी ध्यान रखतेहैंऔर इसके साथ-साथ प्रोिेशनल स्पोटड्स को भीहम इम्पोटेंस देतेहैंतो यहाांकेजो आकदवासी खेल-कूद मेंआगेहैं, येलोग अपनेआपको देश को रप्रे ेजेंट करगेंेऔर अपनी कम्यकुनटी को रप्रे ेजेंट करगेंे। यह सोचनेवाली बात है। एससी/एसटी की पेंशन हमारी वेस्ट बांगाल गवन्मेंट देरही है। इसके साथ-साथ हमारी स्टेट गवन्मेंट की तरि सेशेडडयूल्ड कास्ट एडवाइजरी काउांकसल सेट अप की गई है। जो अभी तक इांकडया की ककसी भी स्टेट मेंसेट-अप नहीं ककया गया है। अगर हम लोग सही मेंएससी, एसटी और ओबीसी कम्यकुनटीज को अपकलफ्ट करना चाहतेहैंतो उन लोगों को िाइनैंकशयल सपोट्देना जरूरी है। बांगाल मेंचाय बगान हैं। वष्2014 सेही ‘चाय’िनेबहुत महत्वपूण्जगह लेली है। दाकज्कलांग में238 चाय बगान हैं। कजतनेभी श्रकमक चाय बगान मेंकाम कर रहेहैं, वेझारखांड सेआकरवहाांपर बसेहुएहैंऔर काम कर रहेहैं। आज उनको प्रोकवडेंट िां ड नहीं कमल रहा है। केन्द्र सरकार इस चीज पर ध्यान दें। मैंमांत्री जी सेयह कहना चाहती ह ां कक उनके अपकलफ्टमेंट के कलए उनको स्पेशल िाइनैंकशयल पैकेज कमलना चाकहए। बांगाल के चाय बगान के श्रकमक प्रोकवडेंट िां ड के कलए रो रहेहैं, अगर सरकार सही मेंयह चाहती हैकक उन लोगों का अच्छा होना चाकहए तो इन चीजों पर ध्यान दें। सभापकत महोदय, यहाां की रोड िैकसकलटीज और हेल्थ िैकसकलटीज को दूर-दराज ग्ामीण इलाके और कहल्ली एररयाज मेंभी प्रोवाइड कराना चाकहए। उन लोगों को सभी चीजों की सकुवधा कमलनी चाकहए, यह कह कर मैंअपनी बात समाप्त करती ह ां। धन्यवाद।